भाजपा नेता अरविन्द शर्मा ने पंजाब में बिगड़ी हुई कानून और व्यवस्था को लेकर पंजाब के राज्यपाल को दिया ज्ञापन

भाजपा नेता अरविन्द शर्मा ने पंजाब में बिगड़ी हुई कानून और व्यवस्था को लेकर पंजाब के राज्यपाल को दिया ज्ञापन

चंडीगढ़ (वीओपी ब्यूरो) पंजाब में बिगड़ी हुई कानून और व्यवस्था तथा विपक्षी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के संबंध में राज्य सरकार को उचित दिशानिर्देश देने के संबंध में भाजपा नेता अरविन्द शर्मा ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन सोंपा| अपने ज्ञापन में अरविन्द शर्मा ने कहा की मैं आपका ध्यान पंजाब प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था, महंगाई एवं नशीली सामग्रियों की तस्करी का पुलिस और प्रशासन का मौन समर्थन, तथा खालिस्तान जैसे देशविरोधी तत्वों को परोक्ष रूप से मिल रहे सरकारी समर्थन की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ। सर्वविदित है कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार भगवंत मान सरकार में कुल 7 मंत्रियों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज थे।जिनमे से कुछ को उन्हें हटाना पड़ा था।लेकिन अभी भी गंभीर आपराधिक आरोप के मंत्री उनके मंत्रिमंडल में हैं।

ऐसे शासन में पटियाला हिंसा, सिद्धू मूसेवाला, शिवसेना के नेता सुधीर सूरी, डेरा समर्थक प्रदीप सिंह, संदीप नंगल अंबियां, कबड्डी खिलाड़ी धरमिंदर सिंह के हत्याकांड से प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति साफ हो गई है। जमीनी हकीकत में पंजाब आज नशे की चपेट में जा रहा है। गैरसरकारी आकड़ो के अनुसार भगवंत मान सरकार में नशे की चपेट में हजारों लोगों अपनी जान गवा चुके हैं। बहन बेटियाँ सुरक्षित नही है। बलात्कारी पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे है। सामान्य जनता महंगाई से परेशान हैं क्योंकि कालाबाजारी और जमाखोरी पर कोई अंकुश नही रह गया है।विश्विद्यालयों में मनमानी नियुक्तियों से शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया गया है।

पुलिस और प्रशासन के अधिकारी निरंकुश हो चुके है तथा उनमें गुटबाजी चल रही है। खालिस्तान समर्थको को सरकारी संरक्षण मिल रहा है। भगवंत मान सरकार ने पंजाब की अर्थव्यवस्था का भी सत्यानाश कर दिया है।सत्ता में आने के बाद पहले 11 महीनों में भगवंत मान सरकार 35,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज ले चुकी है। बिजली पर सब्सिडी देने के कारण इस वित्त वर्ष में राज्य के खजाने से 22,000 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है। इसलिए पंजाब को अपने कर्मचारियों के पिछले महीने के वेतन का भुगतान करने के लिए 500 करोड़ रुपए उधार लेने पड़े।

पंजाब सरकार द्वारा राज्य के लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के बाद से स्थिति और खराब हो गई है। राज्य सरकार महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा पर भी फैसला नहीं ले पाई है। दूसरी ओर, आर्थिक तंगी के बीच पंजाब की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री डॉ. बलजीत कौर महिलाओं को 1,000 रुपए प्रति माह देने का वादा कर रही हैं। यह वादा आम आदमी पार्टी ने चुनावों के दौरान किया था।

एक एजेंडे के तहत विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं को डराने के लिए उन्हें झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी दी जाती है। इस बात का तो मैं खुद ही भुक्तभोगी हूँ। जब मैंने राज्य सरकार से सुरक्षा मांगने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तब इनके भ्रष्ट ACP बबन डीप सिंह ने अदालत को गुमराह करते हुए मनगढंत कुतर्क दिए और मुझे सुरक्षा न देने की बात कही।

अतः जिस सरकार के 62% मंत्री गंभीर अपराधों के आरोपी हों वहाँ कानून और व्यवस्था कैसे चल सकती है। आपसे अनुरोध है कि राज्य संवैधानिक प्रमुख होने के नाते सर्वप्रथम उचित दिशानिर्देश दें। यदि सुधार न हो तब राज्य सरकार की स्थिति पर अनुच्छेद 356 के तहत कार्यवाही करें। जिससे राष्ट्रपति महोदय इस सरकार को बर्खास्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर सकें।

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